Sunday, November 4, 2018

बुरे वक्त में क्या करें?

                   एक बार की बात है एक राजा था। वो विनम्र स्वभाव का था। लोगों की सेवा करना वो अपना धर्म समझता था। एक बार उस राजा के पास एक साधु आए। उस राजा ने उस साधु की सेवा पूरे मनोभाव से की।




                       राजा की सेवा से प्रसन्न होकर साधु ने उसे एक  ताबीज दिया और कहा कि इसे अपने गले में धारण करना और जिंदगी में कभी ऐसी परिस्थिति आये कि जब आप किसी ऐसी समस्या में फंस जाओ जहां आपको लगे कि अब इस परिस्तिथि से निकलने का कोई रास्ता नहीं है। जब उम्मीद की कोई किरण दिखाई न दे। और निराशा आपको चारों तरफ से घेर ले। तब आप इस ताबीज़ को खोलना। आपको ज़रूर समाधान मिल जायेगा। राजा ने उस ताबीज़ को अपने गले में धारण किया और साधु को धन्यवाद दिया।





                     दो-तीन महीने बाद, एक बार राजा अपने सैनिकों के साथ शिकार करने गया। जंगल काफी घना था। उसे एक शेर दिखाई दिया। राजा ने मन बना लिया था कि इस शेर का शिकार करना ही है। राजा उसके शिकार में इतना ध्यानमग्न हो गया कि शेर का पीछा करते-करते अपने सैनिकों से अलग हो गया और दुश्मन राजा की सीमा में  पहुँच गया। दुश्मन के राज्य में वो बहुत दूर आ गया था। शाम का समय था अंधेरा भी हो रहा था। तभी कुछ दुश्मन सैनिकों के घोड़ों की आवाज राजा को सुनाई दी। इससे पहले वो छुप पाता उसे दुश्मन सैनिकों ने देख लिया।





                     वह बचने के लिए भागने लगा। दुश्मन सैनिकों ने उसका पीछा किया। बहुत दूर तक भागने पर भी राजा उन सैनिकों से पीछा नहीं छुड़ा पाया। भूख-प्यास से बेहाल राजा को तभी घने पेड़ों के बीच में एक गुफा दिखी।





                    उसने तुरंत स्वयं और अपने घोड़े को उस गुफा की आड़ में छुपा लिया। और चुप-चाप छुप के बैठ गया। दुश्मन के घोड़ों के पैरों की आवाज धीरे-धीरे पास आने लगी। दुश्मन से घिरे हुए अकेले राजा को अपना अंत नजर आने लगा। उसे लगा कि बस अब सब कुछ खत्म हो गया है। अब कुछ नहीं किया जा सकता। कुछ ही क्षणों में दुश्मन उसे पकड़ कर मौत के घाट उतार देंगे। वो जिंदगी से निराश हो ही गया था कि उसका हाथ अपने ताबीज पर गया और उसे साधू की बात याद आयी। उसने तुरंत ताबीज को खोला और उसके अंदर उसे एक छोटा सा कागज का टुकड़ा मिला। उस कागज के टुकड़े को उसने बाहर निकाला। उस पर्ची पर लिखा था "यह भी कट जाएगा।"




                    ये संदेश पढ़कर उसे उम्मीद की किरण दिखाई दी। उसे अपने जीवन के सारे वो पल याद आ गए जब वो समस्याओं से घिरा था। उसको विश्वास हो गया कि ये कठिन समय भी कट जाएगा और उसे ये भी एहसास हुआ कि जब वो अपने जीवन में इतनी समस्याओं से गुजर चुका है। तो ये दुःखदायी समय भी कट जायगा। तो मैं क्यों चिंतित होऊँ?



                      और हुआ भी यही, दुश्मन के घोड़ों के पैरों की आवाज पास आते- आते दूर जाने लगी। कुछ समय बाद वहां शांति छा गई। राजा ने रात होने का इंतज़ार किया। और जब अंधेरा हो गया तो वो बाहर निकला और किसी तरह अपने राज्य में वापस लौट गया।





प्रिय पाठक,
जिस प्रकार इस राजा की जिंदगी में समस्या आयी। उसी प्रकार हम सभी लोगों की जिंदगी में हमेशा समस्याओं का ढ़ेर लगा रहता है। और उन समस्याओं का समाधान पाने लिए हम अक्सर चिंतित रहते है। और चिंता के कारण ही हम तनाव के दबाव में इस तरह आ जाते है कि हमें कुछ समझ नहीं आता। और डर हम पर हावी होने लगता है। कोई भी रास्ता नज़र नहीं आता। और लगने लगता है कि सब खत्म हो गया है।  ऐसी ही परिस्तिथियों से एप्पल (apple) कंपनी के संस्थापक 'स्टीव जॉब्स' भी कई बार गुजरे। और एक सेमिनार में उन्होंने एक बात कही जो कि हमें हमेशा याद रखनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि हम सभी के जीवन में समस्याएं आती है। पर समस्याएं हमारी जिंदगी में हमेशा के लिए रहने नहीं आती, समस्याएं आती है चले जाने के लिए। यही बात मैं आपको इस कहानी के माध्यम से भी बताना चाहता हूँ। तो जब भी आपकी जिंदगी में कोई समस्या आती है तो ये वाक्य जरूर याद रखिये - "ये भी कट जाएगा।" इससे आपको उस परिस्तिथि से उभरने का हौसला मिलेगा। और देखते ही देखते समस्या चली जायेगी।

बुरे वक्त में क्या करें?

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